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Principal Desk

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भारतवर्ष , बंगलादेश तथा नेपाल की अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं और उतर-राज्यों को राष्ट्र की समग्रता से जोड़ने के कारण प्रशासकीय तथा सामरिक दृष्टि से अतिशय महत्वपूर्ण होते हुए भी कटिहार जिला उपेक्षित रहा है। सचमुच… कोसी, महानन्दा और गंगा के मुहाने पर अवस्थित कटिहार का यह ‘मैला आँचल’ भूदान पुरोधा स्व0 वैद्यनाथ चौधारी, उपन्यासकार स्व0 फ़णीश्वर नाथ ‘रेणु’ और अमर शहीद छात्र ध्रुव कुण्डू सरीखे सपूतों को जन्म देने के बावजूद आज एक प्रश्नाकुल छवि ही प्रस्तुत करता है।

इसी ‘मैला आँचल’ में कुछ मनीषयों की महाकल्पना से उदभूत ज्ञान तथा विद्या की पुण्यस्वरुपा गंगोत्री ‘डी0 एस0 कालेज, कटिहार’ के रुप में अगस्त 1953 को अवतरित हुई। इस महाविद्यालय का सौभाग्य रहा कि इसे स्व0 रामबाबू सिंह तथा स्व0 कालीचरण यादव जैसे उदारमना लोगों की संचित सदाशयता उपलब्ध हो पायी।

स्व0 ब्रह्मदेव ना0 सिन्हा के नेतृत्व में डी0 एस0 कालेज त्वरित गति से सफ़लता के सोपान पर उत्तरोत्तर चढ़ने लगा। अल्पकाल में ही सुधी शिक्षकों तथा विद्याभिलाषी छात्र-छात्राओं के लिए इस कालेज की उपलब्धियाँ गर्व का विषय बन गई। बिहार विश्वविद्यालय, भागलपूर विश्वविधाल्य तथा ललित ना0 मिथिला विश्वविद्यालय की सुदीर्ध यात्रा करता हुआ यह महाविद्यालय आज भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय की एक अग्रणी इकाई के रुप में मान्य है। विभिन्न विश्वविद्यालयो में, विभिन्न संकायों और विषयों में यहाँ के छात्र-छात्राओं ने प्रान्तीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। यहाँ के कई शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ख्याति मिली।

महाविद्यालय में ‘इग्नू’ का अध्ययन केन्द्र सफ़लतापूर्वक चल रहा है। सत्र 2007 से समृद्ध कम्प्यूटर लैब के साथ B.C.A तथा B.B.A कें पाठ्र्यक्रम प्रारम्भ हो चुके हैं और सूचना-प्रौधोगिकी तथा प्रबंधन के क्षेत्र में अभिरुचि रखने वाले छात्रों के लिए व्यापक अवसर प्रदान करने की दिशा में हम अग्रसर है। वैश्विक स्तर की कम्पनियों द्वारा महाविद्यालय में पाँच-दिवसीय Job-Fair के क्रम में कई छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है। उसके बाद से Campus Selection तथा Counseling का क्रम अनवरत जारी हैं विज्ञान संकाय में सीड-टेक्नोलोजी, इन्डस्ट्रियल माइक्रोबायोलाजी तथा सीड-टेक्नोलोजी की पढ़ाई की स्वीकृति यू0 जी0 सी0 से प्राप्त हो चुकी है। इन्हें यथाशीध्र प्रारम्भ करने का प्रयास जारी है। वाणिज्य तथा कला संकायों की ओर से भी कई Career Oriented Course प्रस्तावित UGC की 11वीं योजना के तहत Internet Resource Centre एवं E-medial Course की पढ़ाई की व्यवस्था की गई है।

आइए, अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों के प्रति पूर्ण रुप से निष्ठावान हो कर हम सभी समवेत रुप से संकल्प लें कि ज्ञान-गंगा की इस अप्रतिम धारा को सदा अक्षुण्ण बनाए रखेंगे। छात्र-छात्राओं एवं महाविद्यालय के उज्ज्वल भविष्य की कामनाओं के साथ…

With best wishes
Dr. Sanjay Kumar Singh